कमाई बढ़ना तो दूर की बात है, बंद भी हो सकता है Business, इन 5 गलतियों से बचकर रहें
Written By: अनुज मौर्या
Wed, Aug 07, 2024 05:08 PM IST
भारत में तेजी से स्टार्टअप (Startup) कल्चर बढ़ रहा है. ऐसे में आए दिन कोई न कोई स्टार्टअप शुरू हो रहा है. स्टार्टअप इंडिया पर रजिस्टर्ड स्टार्टअप की संख्या करीब 1.44 लाख हो चुकी है. खैर, स्टार्टअप जितनी तेजी से शुरू हो रहे हैं, उसी रफ्तार से बहुत से स्टार्टअप बंद भी हो रहे हैं. स्टार्टअप का बंद होना सबसे खराब बात होती है, क्योंकि उसके बंद होने पर बहुत सारे लोग बेरोजगार हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि स्टार्टअप फाउंडर्स कौन सी 5 बड़ी गलतियां करते हैं, जिसके चलते उनका स्टार्टअप बंद तक करने की आ जाती है नौबत.
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1- अगर अगले 3-5 साल की प्लानिंग ना करना
अगर आप कोई स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं तो आपको कम से कम 5 साल की प्लानिंग तो करनी ही चाहिए. अगर आप ये प्लान नहीं बना सकते हैं तो आपको स्टार्टअप का ख्याल मन से निकाल देना चाहिए. वहीं अगर आपने स्टार्टअप शुरू कर दिया है, लेकिन आपके पास अगले 3-5 साल की प्लानिंग तैयार नहीं है तो तुरंत स्टार्टअप को बाय-बाय कह दीजिए. अगर कुछ सालों बाद भी आपके पास अपने स्टार्टअप का फ्यूचर प्लान ना हो, तो आपको या तो अपने स्टार्टअप की दिशा बदल लेनी चाहिए या फिर स्टार्टअप को बाय-बाय कह देना चाहिए. ऐसे में वो फाउंडर्स फेल हो जाते हैं, जो लंबी अवधि की प्लानिंग नहीं कर पाते हैं.
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2- मजबूरी शुरू करते हैं स्टार्टअप और...
आपको ऐसी बहुत सारी कहानियां मिल जाएंगी, जिनमें लोग बताते हैं कि उन्होंने मजबूरी में स्टार्टअप शुरू किया. कोरोना काल में बहुत सारे लोगों ने मजबूरी में स्टार्टअप शुरू किया था. अगर आप भी ऐसे लोगों में से हैं, जिसने मजबूरी में स्टार्टअप की शुरुआत की है और अभी तक उसमें दिलचस्पी नहीं जगा सके हैं तो उसे जितनी जल्द हो, बाय-बाय कह देना ही उचित है. ध्यान रहे कि अगर स्टार्टअप के लिए आप में पैशन नहीं है, या जिस चीज का स्टार्टअप आपने शुरू किया है, उसमें आपकी दिलचस्पी नहीं है तो आपको स्टार्टअप से दूरी बना लेनी चाहिए.
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3- बिना इनोवेशन किए बड़े प्रतिद्वंद्वी से मुकाबला
ऐसा देखा गया है कि अगर किसी स्टार्टअप का प्रतिद्वंद्वी बहुत बड़ा होता है, तो वह उस कैटेगेरी की छोटी-छोटी कंपनियों को खत्म कर देता है. उदाहरण के लिए रिलायंस जियो ने मार्केट में आने के बाद सब कुछ फ्री कर दिया और देखते ही देखते छोटी-छोटी सारी टेलिकॉम कंपनियां या तो बंद हो गईं या फिर उनका किसी ने अधिग्रहण कर लिया. कई बार फाउंडर उस कैटेगरी में स्टार्टअप शुरू कर लेते हैं, जिसमें कॉम्पटीशन बहुत ज्यादा होता है और उनके पास कुछ इनोवेटिव भी नहीं होता है. ऐसे में स्टार्टअप फाउंडर का बिजनेस कई बार बंद होने के कगार पर पहुंच जाता है.
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4- फाइनेंशियल क्राइसिस में फंस जाना
ऐसा अक्सर देखा गया है कि कुछ स्टार्टअप फाउंडर किसी वजह से फाइनेंशियल क्राइसिस में फंस जाते हैं. ऐसी हालत में स्टार्टअप फाउंडर को उससे निकलने का तरीका ढूंढना चाहिए, ना कि कर्ज और फंडिंग जुटाते रहना चाहिए. ऐसा करने से स्टार्टअप और बुरी तरह फाइनेंशियल क्राइसिस में फंस सकते हैं, जिसके बाद हो सकता है कि स्टार्टअप बंद होने की नौबत भी आ जाए. बायजूज़ से आप इसे अच्छे से समझ सकते हैं.
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